जाको राखे साइयां मार सके न कोई चमत्कार में आप भी करेंगे ‘विश्वास’
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जिंदा बचे यात्री के 5 हिला देने वाले खुलासे
विश्वास कुमार का इस हादसे में बचना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं. उन्होंने बताया कि मैं हॉस्टल पर गिरे विमान के हिस्से में नहीं था. मैं ग्राउंड पर गिरा था. वो हॉस्टल की छत नहीं थी.
तिलकराज… अहमदाबाद .. गुजरात
अहमदाबाद विमान हादसे में विश्वास रमेश का जिंदा बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है. विमान के बीजे हॉस्टल की छत पर क्रैश होने के बाद बड़ा धमाका हुआ था. आग का गुबार आसमान में देखने को मिला था. दमकल कर्मियों ने बताया कि विमान के क्रैश होने के बाद आग लगने से वहां का तापमान काफी बढ़ गया था. ऐसे में विश्वास रमेश का क्रैश में जिंदा बचना और खुद पैदल चलकर वहां से बाहर आना अविश्विनीय-सा लगता है. लेकिन विश्वास रमेश ने बताया कि उनकी आंखों के सामने लोग मर रहे थे. विमान में आग लग गई थी, लेकिन वह विमान से बाहर निकल आए और बच गए.
लगा मैं भी मरने वाला हूं
विमान हादसे में एकलौते बचे विश्वास रमेश ने डीडी न्यूज को बताया, ‘सब मेरी नजरों के सामने हुआ था, लेकिन मुझे खुद नहीं पता कि आखिर कैसे मैं जीवित बच गया हूं. थोड़े टाइम के लिए मुझे लगा था कि मैं भी मरने वाला हूं. लेकिन आंख खुली, तो मैं जिंदा था. मैंने अपनी सीट बेल्ट निकालने की कोशिश की. इसके बाद मैं वहां से निकल गया. मेरी आंखों के सामने एयर होस्टेज और दूसरे लोग मर गए थे.’
विमान में हरी और सफेद रंग की लाइट ऑन हुई
उन्होंने बताया टेकऑफ के बाद 5-10 सेकंड के अंदर ही सबकुछ हो गया. विमान के टेक ऑफ होते ही ऐसा लगा कि सबकुछ रुक गया हो. मुझे लगा कि कुछ तो हुआ है. इसके बाद विमान में हरी और सफेद रंग की लाइट ऑन हो गई. इसके बाद ऐसे लगा कि पायलट ने विमान को ऊंचा उठाने के लिए रेस बढ़ाई है. इतने में ही विमान गिर गया. मुझे नहीं पता कि विमान कहां गिरा था.
मुझे नहीं पता कि मैं कैसे बच पाया……
विश्वास कुमार का इस हादसे में बचना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं. उन्होंने बताया, ‘मैं हॉस्टल पर गिरे विमान के हिस्से में नहीं था. मैं ग्राउंड पर गिरा था. वो हॉस्टल की छत नहीं थी. दूसरों के बारे में मुझे पता नहीं, लेकिन मैं जहां गिरा, वो जमीन थी. विमान जब नीचे गिरा और मैंने देखा कि थोड़ा-सा स्पेस है. इस स्पेस से मैंने निकलने की कोशिश की और मैं कामयाब हो गया.
















